विद्युत चुम्बकीय तरंग (विद्युत चुंबकीय विकिरण)





विद्युत चुम्बकीय तरंग (विद्युत चुंबकीय विकिरण) -- विद्युत चुम्बकीय तरंग के संचरण के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती, तथा ये तरंगें निर्वात (space) में भी संचरित हो सकती हैं

विद्युत चुम्बकीय तरंगो की विशेषताएँ

• यह एक अनुप्रस्थ तरंग (transverse wave) है जबकि ध्वनि एक अनुदैर्घ्य यांत्रिक तरंग है

• विद्युत चुम्बकीय तरंग अस्तित्व विद्युत क्षेत्र एवं चुंबकीय क्षेत्र के दोलन के कारण होता है

• विद्युत चुम्बकीय तरंग के संचरण के लिये किसी माध्यम का होना आवश्यक नहीं है। यह निर्वात में भी चल सकता है, जबकि ध्वनि के लिये माध्यम आवश्यक है

• इसमें विद्युत क्षेत्र एवं चुंबकीय क्षेत्र परस्पर लम्बवत दोलन करते हैं; तथा विद्युत चुंबकीय तरंग के संचरण की दिशा विद्युत एवं चुंबकीय क्षेत्र के लम्बवत होती है

• शून्य या निर्वात में प्रकाश का वेग लगभग 3 लाख किमी/सेकेण्ड होता है

• अन्य माध्यमों में इसकी चाल शून्य में इसकी चाल से कम होती है

• दृष्य प्रकाश (visible light) -- मानव की आँखें, विद्युतचुंबकीय विकिरण के जिस भाग के प्रति संवेदनशील होती हैं उसे दृष्य प्रकाश कहा जाता है

• दृष्य प्रकाश की तरंगदैर्घ्य (wavelength) 4000 एंगस्ट्राम से 8000 एंगस्ट्राम तक होती है

• विद्युत और चुंबकत्व दोनो ही विद्युतचुंबकीय प्रभाव हैं

• विद्युतचुंबकीय विकिरण में ऊर्जा और संवेग (momentum) भी होते हैं

• विद्युत्चुंबकीय विकिरण के दृष्य प्रकाश के अतिरिक्त अन्य विकिरणों का उपयोग कुछ ही दशकों से आरम्भ हुआ है

विद्युतचुंबकीय विकिरण का वर्गीकरण -- रेडियो तरंग, अतिसूक्ष्म तरंग, टैरा हर्ट्ज़ विकिरण, अधोरक्त विकिरण, प्रत्यक्ष प्रकाश, एक्स किरण, प्रत्यक्ष प्रकाश, पराबैंगनी विकिरण, गामा 


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