ध्वनि (Sound) क्या है | ध्वनि की प्रमुख विशेषताएँ | वायु में ध्वनि की चाल


 ध्वनि (Sound) क्या है | डॉप्लर प्रभाव (Doppler effect) क्या है

ध्वनि (Sound) – ध्वनि एक प्रकार का कम्पन या विक्षोभ है जो किसी ठोस, द्रव या गैस से होकर संचारित होती है, किन्तु मुख्य रूप से उन कम्पनों को ही ध्वनि कहते हैं जो मानव के कान (Ear) से सुनायी पडती हैं

डॉप्लर प्रभाव (Doppler effect) -- जब किसी ध्वनि स्रोत और श्रोता के बीच आपेक्षिक गति होती है तो श्रोता को जो ध्वनि सुनाई पड़ती है उसकी आवृत्ति मूल आवृति से कम या अधिक होती है, इसी को डॉप्लर प्रभाव कहते हैं

यही प्रभाव प्रकाश स्रोत और प्रेक्षक के बीच आपेक्षिक गति से भी होता है, जिसमे प्रेक्षक को प्रकाश की आवृत्ति मे परिवर्तन का अनुभव नही होता है क्योंकि प्रकाश की गति के तुलना मे उन दोनो की आपेक्षिक गति बहुत ही कम होती है

 ध्वनि की प्रमुख विशेषताएँ (Key Features of Sound)

• ध्वनि तरंगें अनुदैर्घ्य तरंगें होती हैं, इसकी उत्पति वस्तुओं में कम्पन होने से होती है, लेकिन सब प्रकार का कम्पन ध्वनि उत्पन्न नहीं करता, जिन तरंगों की आवृति लगभग 20 कम्पन प्राति सेकेण्ड से 20,000 कम्पन प्राति सेकेण्ड के बीच होती है, उनकी अनुभूति हमें अपने कानों द्वारा होती है


• भिन्न-भिन्न मनुष्यों के लिए ध्वनि तरंगों की आवृत्ति परिसर अलग-अलग हो सकते हैं

• ध्वनि एक यांत्रिक तरंग है न कि विद्युतचुम्बकीय तरंग (प्रकाश एक विद्युतचुम्बकीय तरंग है)

• ध्वनि के संचरण के लिये माध्यम (मिडिअम्) की जरूरत होती है, ठोस द्रव, गैस एवं प्लाज्मा में ध्वनि का संचरण सम्भव है, निर्वात में ध्वनि का संचरण नहीं हो सकता

• द्रव, गैस एवं प्लाज्मा में ध्वनि केवल अनुदैर्घ्य तरंग (Longitudenal Wave) के रूप में चलती है जबकि ठोसों में यह अनुप्रस्थ तरंग (transverse wave) के रूप में भी संचरण कर सकती है

• अनुदैर्घ्य तरंग -- जिस माध्यम में ध्वनि का संचरण होता है यदि उसके कण ध्वनि की गति की दिशा में ही कम्पन करते हैं तो उसे अनुदैर्घ्य तरंग कहते हैं

• अनुप्रस्थ तरंग -- जब माध्यम के कणों का कम्पन ध्वनि की गति की दिशा के लम्बवत होता है तो उसे अनुप्रस्थ तरंग कहते है

• सामान्य ताप व दाब (NTP) पर वायु में ध्वनि का वेग लगभग 332 मीटर प्रति सेकेण्ड होता है, बहुत से वायुयान इससे भी तेज गति से चल सकते हैं उन्हें सुपरसॉनिक विमान कहा जाता है

• एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर ध्वनि का परावर्तन एवं अपवर्तन होता है।

• माइक्रोफोन ध्वनि को विद्युत उर्जा में बदलता है, जबकि लाउडस्पीकर विद्युत उर्जा को ध्वनि उर्जा में बदलता है

• विभिन्न माध्यमों में ध्वनि का वेग -- ठोस > द्रव > गैस

आवृत्ति के अनुसार ध्वनि का वर्गीकरण (Classification of sound by frequency)

• अपश्रव्य (Infrasonic) 20 Hz से कम आवृत्ति की ध्वनि मानव को सुनाई नहीं देती,

• श्रव्य (sonic) 20 Hz से 20 kHz, के बीच की आवृत्तियों वाली ध्वनि सामान्य मानव को सुनाई देती है

• पराश्रव्य (Ultrasonic) 20 kHz से 1,6 GHz के बीच की आवृत्ति की ध्वनि मानव को सुनाई नहीं पड़ती

• अतिध्वनिक (Hypersonic) 1 GHz से अधिक आवृत्ति की ध्वनि किसी माध्यम में केवल आंशिक रूप से ही संचरित (प्रोपेगेट) हो

 वायु में ध्वनि की चाल (Speed of sound in the air)

किसी माध्यम (जैसे हवा, जल, लोहा) में ध्वनि 1 सेकेण्ड में जितनी दूरी तय करती है उसे उस माध्यम में ध्वनि का वेग कहते हैं, शुष्क वायु में 20 °C (68 °F) पर ध्वनि का वेग 343.59 मीटर प्रति सेकेण्ड है

°C में -- ध्वनि का वेग m/s में

• +35 °C -- 352.17 m/s में

• +30 °C -- 349.29 m/s में

• +25 °C -- 346.39 m/s में

• +20 °C -- 343.46 m/s में

• +15 °C -- 340.51 m/s में

• +10 °C -- 337.54 m/s में

• +5 °C -- 334.53 m/s में

• 0 °C -- 331.50 m/s में


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