गैसों का अणुगति सिद्धान्त (Atomic theory of gases) | अणुगति सिद्धांत की कुछ अवधारणाएं


गैसों का अणुगति सिद्धान्त (Atomic theory of gases)

पदार्थ के अणुगति सिद्धांत के अनुसार सभी पदार्थ बहुत छोटे-छोटे कणों से मिलकर बना होता है, ये अणु अथवा परमाणु अपने बीच कुछ रिक्तर स्था न रखते है, तथा उस रिक्ति स्थाान में निरंतर गति करते रहातें है, पदार्थ के अणुओं यह गति अनियमित होती है अर्थात अणुओं की गति के दौरान उनकी चाल व दिशा बदलती रहती है, पदार्थ के अणुगति सिद्धांत की मदद से पदार्थेां के बीच उष्मा  ,दाब , ताप ,आयतन आदि के आधार पर संबंध स्थाापित किया जाता है पदार्थ का अणुगति सिद्धांत पदार्थ के व्य वहार को समझने सहायता करता है


अणुगति सिद्धांत की कुछ अवधारणाएं (Some concepts of atomic theory)

• गैस बहुत ही छोटे कणों से मिलकर बनी है जिनका द्रव्यमान शून्य नहीं है

• अणुओं की संख्या इतनी अधिक है कि सांख्यिकीय निरूपण का प्रयोग किया जा सकता है

• ये अणु लगातार [याद्र्चिक] कर रहे हैं तेजी से गति करते हुए ये अणु बर्तन की दीवार से लगातार टकराते रहते हैं

• बर्तन के आयतन की तुलना में गैस के अणुओं का अपना आयतन नगण्य है दूसरे शब्दों में, गैस के कणों के बीच की औसत दूरी उन कणों के अपने आकार की तुलना में बहुत अधिक है

• बर्तन की दीवारों के साथ गैस के अणुओं की [टक्कर] पूर्ण प्रत्यास्थ टक्कर है

• बर्तन की दीवारों के साथ अणुओं के संघट्ट का समय, दो संघट्टों के बीच के औसत समय की तुलना में नगण्य है

• गैस के कणों की औसत गतिज ऊर्जा केवल उस निकाय के तापमान पर निर्भर करती है

• क्वाण्टम यांत्रिक प्रभाव नगण्य हैं इसका अर्थ यह हुआ कि कणों के बीच की दूरी डी ब्रागली तरंगदैर्घ्य की तुलना में बहुत अधिक है और अणुओं को चिरसम्मत यांत्रिकी के पिण्डों की तरह माना जा सकता है

• आपेक्षिक प्रभाव नगण्य हैं

• अणुओं के बीच परस्पर अन्योन्यक्रिया नगण्य है संघट्ट को छोड़कर किसी अन्य स्थिति में वे एक-दूसरे पर कोई बल नहीं लगाते

• अणुओं का आकार पूर्णतः गोल है उनकी प्रकृत्ति पूर्णतः प्रत्यास्थ है

• अणुओं के गति के समीकरण काल-व्युत्क्रमणीय (time-reversible) हैं


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