अंग्रेजी शासन के विरुद्ध महत्वपूर्ण विद्रोह (Significant rebellion against the British rule)


अंग्रेजी शासन के विरुद्ध महत्वपूर्ण विद्रोह (Significant rebellion against the British rule)

मध्य भारत & दक्षिण भारत में हुए प्रमुख विद्रोह

सन्यासी विद्रोह → सन्यासी विद्रोह से प्रभावित क्षेत्र बिहार व बंगाल था, इससे संबंधित नेता केना सरकार व दिर्जि नारायण थे, यह विद्रोह 1760-1800 तक चला

संथाल विद्रोह → संथाल विद्रोह बंगाल एवं बिहार में हुआ था, इसका नेतृत्व सिद्धू-कान्हू ने किया था यह 1855-56 तक चला

वेलाटम्पी विद्रोह → वेलाटम्पी विद्रोह से प्रभावित क्षेत्र त्रावणकोर था, इसका नेतृत्व मेलुथाम्पी ने किया था, यह विद्रोह 1808-09 तक चला

रंपाओ का विद्रोह → यह विद्रोह आंध्र प्रदेश में प्रारंभ हुआ था इसका नेतृत्व सीताराम राजू ने किया था, यह आंदोलन 1879 से प्रारंभ होकर 1922 तक चला


मोपला विद्रोह → मोपला विद्रोह केरल के मालाबार क्षेत्र में प्रारंभ हुआ था, इसका नेतृत्व अली मुसलियार ने किया था, यह विद्रोह 2 साल चला था, यह 1920 में प्रारंभ हुआ तथा 1922 में समाप्त हो गया

मुंडा विद्रोह → मुंडा विद्रोह झारखंड में प्रारंभ हुआ था तथा इसका नेतृत्व बिरसा मुंडा ने किया था यह आंदोलन 1899-1900 तक चला

भूमिज विद्रोह → यह विद्रोह झारखंड के रांची क्षेत्र में हुआ था, इसका नेतृत्व गंगा नारायण हंगामा ने किया था, यह विद्रोह 1832 में हुआ था

बहावी आंदोलन → यह आंदोलन बिहार, उत्तर प्रदेश में प्रारंभ हुआ, इससे संबंधित नेता सैयद अहमद तूतीमीर थे, यह विद्रोह 1831 हुआ था

फरायजी आंदोलन → फरायजी आंदोलन बंगाल में प्रारंभ हुआ था, इसका नेतृत्व शरियातुल्लाह टूटू मियां ने किया था, यह 1838 में प्रारंभ होकर 1848 तक चला

फकीर विद्रोह → फकीर विद्रोह बंगाल में हुआ था, इसका नेतृत्व मजनून शाह एवं चिराग अली ने किया था, यह आंदोलन या विद्रोह 1776-77 तक चला


पॉलीगरों का विद्रोह → पॉलीगरों का विद्रोह तमिलनाडु में शुरू हुआ था तथा इसका नेतृत्व वीर पी काट्टावाम्मान ने किया था, यह विद्रोह 1799 से 1801 तक चला

पावना विद्रोह → पावना विद्रोह बंगाल के पावन क्षेत्र से प्रारंभ हुआ था, इसका नेतृत्व ईशान चंद्र राय एवं शंभू पाल ने किया था, यह आंदोलन 1873-1876 तक चला

पाइक विद्रोह → पाइक विद्रोह उड़ीसा में प्रारंभ हुआ था, इसका नेतृत्व बख्शी जगबंधु ने किया था, यह आंदोलन 1817-1825 तक चला

पहाड़िया विद्रोह → पहाड़िया विद्रोह बिहार के भागलपुर क्षेत्र से प्रारंभ हुआ था इसका नेतृत्व तिलका मांझी ने किया था यह विद्रोह 1779 में  हुआ था

नील विद्रोह → यह विद्रोह बंगाल तथा बिहार में हुआ था,इसका नेतृत्व तिरुत सिंह ने किया था,यह 1854 से प्रारंभ होकर 1862 तक चला


नील आंदोलन → नील आंदोलन बंगाल में शुरू हुआ था इसका नेतृत्व दिगंबर ने किया था यह 1859-60 तक चला , नील आंदोलन तथा नील विद्रोह दोनों अलग-अलग है

तेभागा आंदोलन → तेभागा आंदोलन बंगाल में प्रारंभ हुआ था इसका नेतृत्व कंपा राम सिंह एवं भवन सिंह ने किया था, यह 1946 में हुआ था

ताना भगत आंदोलन → यह आंदोलन बिहार में चला था, इसका नेतृत्व जतरा भगत नामा व्यक्ति ने किया था, यह 1914 में हुआ था

चेरो विद्रोह → चेरो विद्रोह से प्रभावित क्षेत्र झारखंड का पलामू जिला था, इसका नेतृत्व भूषण सिंह ने किया था और यह 1800 ईस्वी में हुआ था

चुआरो विद्रोह → चुआरों विद्रोह बंगाल के बांकुड़ा क्षेत्र में प्रारंभ हुआ था, इसका नेतृत्व करण गढ़ की रानी शिरोमणि एवं दुर्जन सिंह ने किया था यह आंदोलन 1798 ई में हुआ था

कोल आंदोलन → कोल आंदोलन झारखंड के छोटा नागपुर क्षेत्र में प्रारंभ हुआ था, इसका नेतृत्व गोमधर कुंवर  ने किया था, यह आंदोलन 1831-32 तक चला था

कंध विद्रोह → कंध विद्रोह उड़ीसा में हुआ था, इसका नेतृत्व चक्र विसोई ने किया था यह 1837 में हुआ था


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