गुप्त ऊष्मा (latent heat) किसे कहते है - गलन और वाष्पन की गुप्त ऊष्मा क्या है




01. गुप्त ऊष्मा (Latent heat) किसे कहते है?
उत्तर- किसी पदार्थ को दी गई ऊष्मा की वह मात्रा, जो पदार्थ के ताप को स्थिर रखते हुए उसकी अवस्था में परिवर्तन लाती है, उसे गुप्त ऊष्मा कहते हैं।

दुसरे शब्दों में,
जब कोई पदार्थ एक भौतिक अवस्था (जैसे ठोस) से दूसरी भौतिक अवस्था (जैसे द्रव) में परिवर्तित होता है तो एक नियत ताप पर उसे कुछ उष्मा प्रदान करनी पड़ती है या वह एक नियत ताप पर उष्मा प्रदान करता है, उसे गुप्त ऊष्मा कहते हैं

इस शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग सन् 1750 के आसपास जोसेफ ब्लैक ने किया था। आजकल इसके स्थान पर "इन्थाल्पी ऑफ ट्रान्सफार्मेशन" का प्रयोग किया जाता है।


उदाहरण - 
किसी बर्फ के टुकड़े को एक बर्तन में गर्म किया जाय तो धीरे-धीरे करके पिघलता है, पूरे ठोस के द्रव बन जाने तक उसका तापमान नहीं बढ़ता है यानि कहने का मतलब बर्फ के टुकड़े का तापमान 0 डिग्री सेल्सियस ही रहता है, जब यह एक बार पूरा पिघल जाता है, तो फिर तापमान बढऩा शुरू होता है। 
 
यहां बर्फ का टुकड़ा शुरू से ही ऊष्मा ग्रहण कर रहा था, लेकिन पूरा पिघलने तक उसका तापमान नहीं बदला, इस स्थिति तक खर्च हुई ऊष्मा को ही गुप्त ऊष्मा कहते हैं। इस स्थिति तक ऊष्मा सिर्फ पदार्थ का रूप परिवर्तित करने का काम करती है, और पदार्थ का ताप नहीं बढ़ पाता। 

गुप्त ऊष्मा दो प्रकार की होती है
(i) गलन की गुप्त ऊष्मा (latent heat of Melting) 
(II) वाष्पन की गुप्त ऊष्मा (Latent heat of Vaporisation)


(i) गलन की गुप्त ऊष्मा (latent heat of Melting) किसे कहते है?
जब हम किसी ठोस को गरम करते हैं तो इसका ताप बढ़ता है और एक विशिष्ट ताप पर यह गलने लगता है। इस ताप को ठोस का गलनांक कहते हैं। अवस्था परिवर्तन की अवधि में हम लगातार ऊष्मा देते हैं लेकिन ताप में वृद्धि नहीं होती है। एकांक द्रव्यमान के ठोस को पूर्णतया इसकी संगत द्रव अवस्था में परिवर्तित करने वे लिये आवश्यक ऊष्मा को गलन की गुप्त ऊष्मा कहते हैं।
इसका मात्रक कैलोरी/ग्राम या किलो कैलोरी/ग्राम अथवा जूल/किग्रा) है।


(II) वाष्पन की गुप्त ऊष्मा (Latent heat of Vaporisation) किसे कहते है?
 यह ऊष्मा की वह मात्रा है जो एकांक द्रव्यमान के द्रव को सम्पूर्ण रूप से बिना ताप परिवर्तन के वाष्प अवस्था में बदलने के लिए। आवश्यक है। इसका मात्रक कैलोरी/ग्राम या किलो | कैलोरी/किलोग्राम अथवा जूल/किग्रा. है।

या

एक द्रव को गरम करने पर इसके क्वथनांक तक ताप बढ़ता है। क्वथनांक पर दी गयी ऊष्मा इसे गैसीय अवस्था में परिवर्तन करने में प्रयुक्त होती है। किसी द्रव के एकांक द्रव्यमान को एक नियत ताप पर गैसीय अवस्था में परिवर्तित करने के लिए आवश्यक ऊष्मा उस द्रव के वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा कहलाती है।


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