क्षुद्र ग्रह (Asteroids) या अवांतर ग्रह (सबसे बड़ा छुद्र ग्रह)
क्षुद्र ग्रह (Asteroids) या अवांतर ग्रह -- पथरीले और धातुओं के ऐसे पिंड है जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं लेकिन इतने लघु हैं कि इन्हें ग्रह नहीं कहा जा सकता। इन्हें लघु ग्रह या क्षुद्र ग्रह या ग्रहिका कहते हैं
क्षुद्र ग्रह (Asteroids) या अवांतर ग्रह -- क्षुद्रग्रह (Asteroid) अथवा ऐस्टरौएड एक खगोलिय पिंड होते है, जो ब्रह्माण्ड में विचरण करते रहते है, यह अपने आकार में ग्रहों से छोटे और उल्का पिंडों से बड़े होते हैं
• हमारी सौर प्रणाली में लगभग 100,000 क्षुद्रग्रह हैं लेकिन उनमें से अधिकतर इतने छोटे हैं कि उन्हें पृथ्वी से नहीं देखा जा सकता
• प्रत्येक क्षुद्रग्रह की अपनी कक्षा में होती है, जिसमें ये सूर्य के इर्द-गिर्द घूमते रहते हैं
• सबसे बड़ा क्षुद्र ग्रह हैं 'सेरेस' होता हैं
• खोजा जाने वाला पहला क्षुद्रग्रह, सेरेस (1819) में ग्यूसेप पियाज़ी द्वारा पाया गया था और इसे मूल रूप से एक नया ग्रह माना जाता था
• 'वेस्टाल' एक ऐसा क्षुद्रग्रह है जिसे नंगी आंखों से देखा जा सकता है
• सौर मण्डल के बाहरी हिस्सों में भी कुछ क्षुद्र ग्रह है जिन्हें सेन्टारस कहते हैं, इनमे से एक 2060 शीरॉन है जो शनि और यूरेनस के बीच सूर्य की परिक्रमा करता है
• ऐरोस एक छोटा क्षुद्रग्रह है जो क्षुद्रग्रहों की कक्षा से भटक गया है तथा प्रत्येक सात वर्षों के बाद पृथ्वी से 256 लाख किलोमीटर की दूरी पर आ जाता है
• अधिकतर क्षुद्रग्रह उन्हीं पदार्थों से बने हैं, जिनमें पृथ्वी पर पाए जाने वाले पत्थर बने हैं, हालांकि उनकी सतह के तापमान भिन्न हैं
• क्षुद्र ग्रह, सौर मंडल के जन्म के समय से ही मौजुद है, इसलिये वैज्ञानिक इनके अध्यन के लिये उत्सुक रहते हैं
• अब तक हज़ारों क्षुद्रग्रह देखे जा चुके है और उनका नामकरण और वर्गीकरण हो चुका है, इनमे टाउटेटीस, कैस्टेलिया, जीओग्राफोस और वेस्ता प्रमुख है
• सबसे बड़ा क्षुद्र ग्रह सेरस (Ceres) है। जिसका व्यास 1083 किलोमीटर है, क्षुद्र ग्रह को ग्रहिका भी कहते है
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