चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य - चंद्रयान-3 भारत का तीसरा चंद्रमा मिशन है और जुलाई 2019 के चंद्रयान-2 का अनुवर्ती है जिसका उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर एक रोवर भेजना था, इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की संरचना को बेहतर ढंग से समझना है, चंद्रयान-3 मिशन में भारत चांद की धरती पर एक लेंडर उतरेगा, इस लेंडर में एक रोवर भी है जो चंद्रमा की धरती पर घूमेगा और वहां कुछ प्रयोग करेगा, लेंडर चांद पर एक लूनार दिन तक रहेगा
चंद्रयान-3 से संबंधित कुछ प्रश्न
01. चंद्रमा के का अध्ययन को क्या कहते है? - सेलेनोलॉजी
02. एक लूनार दिन धरती के कितने दिन के बराबर होता है? - 14 दिन
03. चंद्रयान-3 की लॉन्च डेट क्या थी? - 14 जुलाई 2023
04. चंद्रयान-3 को किस केंद्र से लॉन्च किया गया? - श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से
05. श्रीहरिकोटा कौन से राज्य में पड़ता है? - Andhra Pradesh
06. चंद्रयान-3 की चंद्रमा की चंद्र सतह पर लैंडिंग की उम्मीद है? - तारीख 23 या 24 अगस्त 2023
07. चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर भेजने के लिए किस लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया था? - LVM-3 (Launch Vehicle Mark 3 - प्रक्षेपण यान मार्क 3)
08. चंद्रयान-3 में प्रयुक्त प्रणोदन मॉड्यूल का द्रव्यमान कितना है? - 2148 किलोग्राम
09. चंद्रयान-3 में किस मॉड्यूल का उपयोग किया जाता है? - लैंडर मॉड्यूल (LM), प्रोपल्शन मॉड्यूल (PM) और एक रोवर शामिल है
10. चंद्रयान-3 में किस तकनीक का उपयोग किया गया है? - अल्टीमीटर, वेलोसीमीटर, जड़त्व माप और प्रणोदन प्रणाली
11. चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर का मिशन जीवन बराबर है? - चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर का मिशन जीवन एक चंद्र दिवस है जो पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है
12. चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर को क्या कहा जाता है? - चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं होगा, सिर्फ लैंडर और रोवर ही रहेंगे. इसरो ने इस बार भी लैंडर का नाम 'विक्रम' और रोवर का 'प्रज्ञान' रखा है. चंद्रयान-2 में भी लैंडर और रोवर के यही नाम थे
13. चांद पर सूरज 14-15 दिन निकलता है और बाकी 14-15 दिन सूरज नहीं निकलता है और लेंडर के लिए सनलाइट जरूरी होती है
14. LVM-3 का FULL फॉर्म क्या होता है? - Launch Vehicle Mark-III और पुराना नाम – Geosynchronous Satellite Launch Vehicle Mark III (GSLV)
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