विटामिन डी क्या है, और विटामिन डी के कार्य (Vitamin D)
• विटामिन डी वसा-घुलनशील प्रो-हार्मोन का एक समूह होता है
• इसके दो प्रमुख रूप हैं- विटामिन D2 (या अर्गोकेलसीफेरोल) एवं विटामिन D3 (या कोलेकेलसीफेरोल)
• सूर्य के प्रकाश, खाद्य एवं अन्य पूरकों से प्राप्त विटामिन डी निष्क्रीय होता है
• इसे शरीर में सक्रिय होने के लिये कम से कम दो हाईड्रॉक्सिलेशन अभिक्रियाएं वांछित होती हैं
• शरीर में मिलने वाला कैल्सीट्राईऑल (1,25-डाईहाईड्रॉक्सीकॉलेकैल्सिफेरॉल) विटामिन डी का सक्रिय रूप होता है
• त्वचा जब धूप के संपर्क में आती है तो शरीर में विटामिन डी निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होती है
• विटामिन डी मछलियों में भी पाया जाता है
• विटामिन डी की मदद से कैल्शियम को शरीर में बनाए रखने में मदद मिलती है जो हड्डियों की मजबूती के लिए अत्यावश्यक होता है, इसके अभाव में हड्डी कमजोर होती हैं
• विटामिन डी की कमी से छोटे बच्चों में रिकेट्स नामक रोग होती है
• विटामिन डी की कमी से व्यस्कों में ओस्टीयोमलेशिया नामक रोग होती है
• हड्डी के पतला और कमजोर होने को ओस्टीयोपोरोसिस कहते हैं
• विटामिन डी हमें कैंसर, क्षय रोग जैसे रोगों से भी बचाव करता है
• विटामिन डी की अधिकता से शरीर के विभिन्न अंगों, जैसे गुर्दों में, हृदय में, रक्त रक्त वाहिकाओं में और अन्य स्थानों पर, एक प्रकार की पथरी उत्पन्न हो सकती है
• विटामिन डी से युक्त फलों में से एक संतरा भी है, संतरे का जूस हड्डियों को मजबूत करने वाले खनिज पदार्थों को अवशोषित कर सकता है
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