संवेग और गतिज ऊर्जा में संबंध (Relationship between momentum and kinetic energy)


गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy) किसे कहते हैं?
किसी पिण्ड की वह अतिरिक्त ऊर्जा है जो उसके रेखीय वेग अथवा कोणीय वेग अथवा दोनो के कारण होती है, इसका मान उस पिण्ड को विरामावस्था से उस वेग तक त्वरित करने में किये गये कार्य के बराबर होती है
मान लीजए यदि किसी पिण्ड की गतिज ऊर्जा E हो तो उसे विरामावस्था में लाने के लिये E के बराबर ऋणात्मक कार्य करना पड़ेगा


गतिज ऊर्जा का सूत्र
गतिज ऊर्जा (रेखीय गति) = (1/2) * m * v * v ; m = द्रब्यमान, v = रेखीय वेग
गतिज ऊर्जा (घूर्णन गति) = (1/2) * I * w * w ; I = जडत्वाघूर्ण, w = कोणीय वेग गतिज उर्जा हर जगह भिन्न होती है प्रथ्वी में अलग प्रथ्वी के बाहर अलग होती है

गतिज ऊर्जा का उदाहरण
• बहते जल में
• धनुष से छोड़े गये तीर में
• खिलाड़ी द्वारा फेंके गये गेंद में

संवेग क्या है?
किसी वस्तु के द्रव्यमान व वेग के गुणनफल को संवेग (momentum) कहते हैं:

संवेग एक संरक्षित राशि है। अर्थात किसी वियुक्त निकाय में कुल संवेग स्थिर रहता है

संवेग एक सदिश राशि है, जिसको अंग्रेजी के अक्षर ‘P’ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है, और इसकी दिशा वेग के समान होती है।

संवेग = द्रव्यमान × वेग
P = m × v

जहां, P = संवेग, m = वस्तु का द्रव्यमान & n = वस्तु का वेग

संवेग का मात्रक
इसका मात्रक सी.जी.एस. पद्धति में ‘ग्राम-सेमी/सेकण्ड’ या ‘डाइन-सेकण्ड’ तथा एम.के.एस. पद्धति में ‘किग्रा-मीटर/सेकण्ड’ या ‘डाइन-सेकण्ड’ होता है


1 comment:

Unknown said...

Nice information ℹ️

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