सविनय अवज्ञा आंदोलन - महात्मा गाँधी, 11 सूत्री, वानर सेना


सविनय अवज्ञा आंदोलन - महात्मा गाँधी, 11 सूत्री, वानर सेना

01. महात्मा गाँधी द्वारा कब आरम्भ किया गया था?
उत्तर- फरवरी, 1930 में काँग्रेस कार्य समिति ने पूर्ण स्वराज्य प्राप्त करने के लिए सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ करने का अधिकार महात्मा गाँधी को दे दिया।

02. सविनय अवज्ञा आंदोलन के अंतर्गत दांडी मार्च यात्रा कब निकाली गई?
उत्तर- 12 मार्च 1930 से लेकर 6 अप्रैल 1930 तक।


03. सविनय अवज्ञा आंदोलन के अंतर्गत नमक कानून कब तोड़ा गया?
उत्तर- यद्यपि सविनय अवज्ञा आन्दोलन की विधिवत घोषणा महात्मा गांधी के द्वारा 12 मार्च 1930 को गयी, तथापि 6 अप्रेल को प्रात: में समुद्र तट पर पहुंचे तो सरोजिनी नायडू ने उनका स्वागत करते हुए कहा "विथी भंजक (कानून तोड़ने वाले) तुम्हारा स्वागत है।" गांधी जी ने वंहा नमक एकत्र कर नमक कानून को भंग कर दिया।

04. सविनय अवज्ञा आंदोलन के समय भारत के वायसराय कौन थे?
उत्तर- लॉर्ड इरविन

05. वायसराय (Viceroy) किसे कहते हैं
उत्तर- वाइसरॉय एक शाही अधिकारी होता है, जो एक देश या प्रांत पर शासन करता है। यह शासन किसी मुख्य शासक के नाम पर होता है

06. सविनय अवज्ञा आंदोलन का निर्णय लिए जाने के पश्चात प्रथम बार स्वाधीनता दिवस कब मनाया गया?
उत्तर- 6 अप्रैल 1930 को प्रातः काल के बाद महात्मा गाँधी ने समुद्र तट पर नमक बनाकर नमक कानून को भंग किया। यहीं से सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरूआत हुई।

कांग्रेस ने 1930 और 1950 के बीच 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया। 26 जनवरी 1930 का दिन पूरे राष्ट्र में प्रथम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का निश्चय किया गया।


07. सविनय अवज्ञा आंदोलन का महत्व लिखे?
उत्तर- सविनय अवज्ञा आंदोलन का महत्व निम्न थे

• इस आंदोलन में पहली बार बड़ी संख्या में भारतीयों ने भाग लिया, जिसमें मजदूर व किसानों से लेकर उच्चवर्गीय लोग तक थे ।
• इस आंदोलन में करबन्दी को प्रोत्साहन दिये जाने के फलस्वरूप किसानों में भी राजनीतिक चेतना एवं अधिकारों की मांग के लिए संघर्ष करने की क्षमता का विकास हुआ ।
• इस आंदोलन के फलस्वरूप जनता में निर्भयता, स्वावलंबन और बलिदान के गुण उत्पन्न हो गये जो स्वतंत्रता की नींव हैं ।
• जनता ने अब समझ लिया कि युगों से देश के दु:खों के निवारण के लिए दूसरों का मुख ताकना एक भ्रम था, अब अंग्रेजों के वायदों और सद्भावना में भारतीय जनता का विश्वास नहीं रहा। अब जनता के सारे वर्ग स्वतंत्रता चाहने लगे थे ।
• इस आंदोलन में कांग्रेस की कमजोरियों को भी स्पष्ट कर दिया । कांग्रेस के पास भविष्य के लिये आर्थिक, सामाजिक कार्यक्रम न होने के कारण वह भारतीय जनता में व्याप्त रोष का पूर्णतया उपयोग न सकी ।
• अतः सविनय अवज्ञा आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक नई चेतना तथा दिशा प्रदान करने का कार्य किया।

08. वानर सेना और मन्जरिसेन का सम्बन्ध किस आंदोलन से था?
उत्तर- वानर सेना और मंजरी सेना का संबंध सविनय अवज्ञा आंदोलन से है। सविनय अवज्ञा आंदोलन में बच्चों को लेकर वानर सेना तथा बालिकाओं को लेकर मंजरी सेना का गठन किया गया था।


09. महात्मा गांधी को भारत में सबसे पहले कब और कहाँ और किस जुर्म में गिरफ़्तार किया गया था ?
उत्तर- चौरी-चौरा की घटना (5 फरवरी 1922) के बाद प्रथम असहयोग एवं सविनय अवज्ञा आंदोलन जब खत्म हो गया तो अंग्रेजों ने उस समय की स्थिति का फायदा उठाते हुए करारी चोट करने का फैसला किया। 10 मार्च 1922 को गाँधी जी को राजद्रोह के अभियोग में गुजरात से गिरफ्तार कर लिया गया,जिसमें छ:साल की सजा का प्रावधान था।

10. डांडी यात्रा के साथ कौन सा आंदोलन प्रारम्भ हुआ?
उत्तर- सविनय अवज्ञा आंदोलन

11. रांची में 'स्वदेशी सप्ताह' कब मनाया गया था ?
उत्तर- सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान राँची में ‘स्वदेशी सप्ताह’ सितंबर 1930 में मनाया गया|

12. प्रथम गोलमेज सम्मेलन में महात्मा गांधी ने भाग क्यों नहीं लिया था?
उत्तर-
• प्रथम गोलमेज सम्मेलन 22 नवंबर 1930 से 13 जनवरी 1931 तक लंदन में आयोजित किया गया।
• यह ऐसी पहली वार्ता थी, जिसमें ब्रिटिश शासकों द्वारा भारतीयों को बराबर का दर्जा दिया गया।
• प्रथम गोलमेज सम्मेलन जिसमें 89 सदस्यों में 13 ब्रिटिश, शेष 76 भारतीय राजनीतिक दलों से जैसे-भारतीय उदारवादी दल,हिन्दू महासभा, दलितवर्ग, व्यापारी वर्ग तथा रजवाङों के प्रतिनिधि थे।
• सविनय अवज्ञा आंदोलन के कारण कांग्रेस के अधिकांश नेता जेल में थे, तथा गांधीजी ने धर्म और जाति के आधार पर मतदाताओं के विचार का विरोध किया और इसलिए गांधी ने पहले गोलमेज सम्मेलन में भाग नही लिया।


13. भारतीय इतिहास का सबसे चर्चित आंदोलन कौन सा था?
उत्तर- स्वंत्रता आंदोलन , सविनय अवज्ञा आंदोलन सब आंदोलन चाचित आदनदोलान थे।

14. महात्मा गांधी का 11 सूत्री अंतिम मांग पत्र क्या था?
उत्तर- गांधी जी का 11 सूत्री अंतिम मांग पत्र सविनय अवज्ञा आंदोलन से जुड़ा हुआ था।

इस अंतिम मांग पत्र में गांधी जी ने कई मांगे रखी थी अंग्रेजी सरकार से किंतु ध्यान देने योग्य बात यह है कि इसमें पूर्ण स्वतंत्रता की मांग शामिल नहीं थी।

गांधी जी के 11 सूत्री अंतिम मांग - 
• गांधीजी की पहली मांग थी कि भूमि कर में 50 परसेंट की कमी की जाए।
• दूसरी मांग थी कि नमक कर खत्म किया जाए तथा सरकार का नमक पर एकाधिकार खत्म हो।
• तटीय संचार पर भारतीयों के लिए आरक्षण दिया जाए।
• रुपया- स्टलग विनिमय अनुपात को कम किया जाए।
• सरकार देसी कपड़ा उद्योगों को संरक्षण प्रदान करें।
• सैनिक खर्च पर 50% की कमी की जाए।
• सिविल प्रशासन पर होने वाले खर्च में 50% की कमी की जाए।
• मादक द्रव्यों पर पूर्णतया रोक लगाई जाए।
• सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा किया जाए।
• सीआईडी में परिवर्तन किया जाए।
• और अंतिम मांग थी आर्म्स एक्ट में परिवर्तन जिससे नागरिक अपनी सुरक्षा के लिए हथियार रख सकें।

गांधीजी ने 41 दिन तक अपनी इन मांगों पर सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार किया था किंतु कोई भी सकारात्मक प्रतिक्रिया ना मिलने पर उन्होंने 12 मार्च से दांडी मार्च का प्रारंभ किया था।


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